Posted On: Saturday, September 18, 2021

पोशण वाटिका महाभियान एवं पौध रोपण महाभियान का आयोजन

पोशण वाटिका महाभियान एवं पौध रोपण महाभियान का आयोजन

भारतीय कृशि अनुसंधान परिशद, कृशि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देषानुसार राश्ट्रीय कृशि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरा में पोशण वाटिका महाभियान एवं पौध रोपण महाभियान का आयोजन दिनांक 17.09.2021 को किया गया।

इस कार्यक्रम का आयोजन आगामी अंतर्राश्ट्रीय पोशक अनाज वर्श 2023 के तैयारियों के षुभारंभ के रुप में किया गया। कार्यक्रम में 400 प्रतिभागीयों जिसमें 103 कन्याएँ एवं 105 किसान सम्मिलित थे ने भाग लिया। कार्यक्रम का षुभारम्भ श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, माननीय कृशि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार के वेबकास्ट सम्बोधन से हुआ। कार्यक्रम में लघुधान्य अनाज जैसेः ज्वार, बाजरा, रागी, कोदों, कुट्टु, सावां, चीना इत्यादि के पोशक गुणों पर विस्तार से चर्चा हुई।

ब्यूरो की प्रधान वैज्ञानिक डा. रेनु ने पोशक खाघ पदार्थो एवं महिला स्वास्थ्य विशय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। डा. प्रमोद कुमार साहू, वैज्ञानिक ने रेंखाकित किया कि मोटे अनाज उत्पादन पर राज्य सरकारों का जोर है और भविश्य में इस पर और बल मिलने की संभावना है। कार्यक्रम के विषिश्ट अतिथि डा. अरविन्द श्रीवास्तव ने मोटे अनाजों से मिलने वाले पोशक गुणों के बारे में सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया। साथ ही साथ उन्होनें जैविक खाद् एवं मषरुम की खेती द्वारा आजिविका प्रबन्धन पर भी जोर दिया।

इसके उपरान्त मुख्य अतिथि महोदया डा. नम्रता श्रीवास्तव ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने हेतु मोटे अनाज एवं पौश्टिक आहार की भूमिका पर जागरुकता भाशण दिया। कार्यक्रम में सम्मिलित कन्याओं को उनके स्वास्थ्य हेतु विषेश रुप से जागरुक किया गया। डा. षोभित थापा ने सतत् कृशि और ग्रामीण आजीविका पर वृक्षारोपण की भूमिका पर व्याख्यान दिया।

ब्यूरो के प्रभारी निदेषक डा. आलोक कुमार श्रीवास्तव ने देष में पोशण आत्मनिर्भरता प्राप्त करने हेतु मोटे अनाजों का योगदान एवं सूक्ष्मजीव उत्पाद आधारित जैविक खेती की उपयोगिता पर प्रकाष डाला एवं बताया कि ब्यूरो में ऐसे अनेकों बायोफ्रामूलेषन विकसित किये है जो कृशि में रसायनों की निर्भरता को कम करते है एवं मृदा स्वास्थ्य सुधार करते है। यह उत्पाद किसानों के लिए सुगमता से उपलब्ध है तथा ब्यूरो के वैज्ञानिक किसानों को तकनीकि उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है, साथ ही उन्होने किसानों से बाजरे की खेती करने का आवहान किया।

कार्यक्रम के समन्वयक डा. पवन कुमार षर्मा एवं वैज्ञानिक डा. हिल्लोल चकधर ने व्याख्यान प्रस्तुत किये तथा किसानों को पौधों एवं सब्जियों के बीज का वितरण किया। कार्यक्रम आयोजन में श्री ष्याम जी षुक्ल, श्री अंचल कुमार श्रीवास्तव, श्री मनीश राय, श्री सिद्धार्थ अरोड़ा एवं श्री अमर नाथ सिंह पटेल की विषेश भूमिका रही।

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